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Wednesday, April 6, 2011

भ्रष्टाचार

अपने पद का दुरुप्रयोग करके किसी कार्य को करने के लिए रिशवत या घूस के रूप मै धन को प्राप्त करने को भ्रष्टाचार कहते है.अपने निजी स्वार्थ के लिए या अपने किसी करीबी को लाभ पहुँचाने के उद्देश्य से किया गया कार्य चाहे उसमे धन प्राप्त न किया गया हो तो भी वह भ्रष्टाचार की श्रेणी मै आयेगा.
जिस धन पर सरकार को कर(टैक्स) नहीं दिया जाता वह कला धन कहलाता है या जो धन गैर क़ानूनी तरीके से अपने पास रखने या विदेशी बैंको मैं टैक्स की चोरी या पकडे जाने के डर से जमा कराया जाता है.यह इन्ही भ्रष्टाचारीयो का पैसा होता हो, जो की स्विस बैंक तथा अन्य विदेशी बैंको मैं जमा है.जिस पर जमाओ पर ब्याज नहीं मिलता है, बल्कि ब्याज देना पड़ता है. इन बैंको की खास बात यह है कि यह धन के स्रोत्र के बारे मैं नहीं पूछते है तभी तो यह भ्रष्टाचारीयो के काले धन को छिपाने के मुख्य स्थान की तरह है. आकड़ो के मुताबिक भारत से लगबग २०० करोड़ रुपये रोजाना विदेशो मैं जा रहा है.
भ्रष्टाचार का  ताजा उदाहरण राष्टीय मंडल खेलो के दोरान हुए अनियमित्ताओ तथा नियम और कायदों को ताक पर रख कर कंपनियो के साथ किये गए सोदो से है.राष्टीय मंडल खेल मैं SIS और दुरदर्शन को विभिन्न प्रतिस्पर्धाओ के प्रसारण का अधिकार मिला था और अनुबंध के तहत इसमें इंग्लॅण्ड कि कंपनी SIS को २४६ करोड़ रुपये देना तह हुआ था. इसमें प्रसार भारती के पूर्व सीईओ "बी.स लाली" के ऊपर अव्यापाक और पक्षपात तरीके से SIS का चुनाव करने का आरोप लगा और जिसके कारण उन्हें निलंबित भी कर दिया गया है.राष्टीय मंडल खेल समिति के पूर्व अध्यक्ष "सुरेश कलमाड़ी" पर भी आरोप लगे के उन्होंने अपने रिश्तेदारों को अधिकारी बनाया तथा उनकी निजी कंपनियों को ठेके देने के भी आरोप है जिसके कारण उन्हें भी निलंबित किया गया.
२-G स्पेकट्राम घोटाले मै सरकार को "आंदीमुथु राजा" कि वजह से लगभग एक लाख छियतर हजार करोड़ रूपए का नुकसान हुआ है. जिसकी जाँच PAC द्वारा कि जा रही थी तथा हल ही के बजट सत्र के आरंभ मै विपक्ष द्वारा JPC की मांग को मंजूरी मिल गयी है, अब इसकी जाँच JPC के द्वारा ही कि जाएगी.
इसके अतिरिक्त आदर्श होउसिंग सोसाइटी कांड तथा तेल माफियाओ द्वारा तेल, डीजल मै मिलावट तथा हल ही मै दिल्ली मंत्रिमंडल मै लोक निर्माण मंत्री "राजकुमार चौहान" पर भी भ्रष्टाचार के आरोप लग रहे है तथा उन्हें हटाने कि मांग लगातार कि जा रही है इत्यादि!
मीडिया भी भ्रष्टाचार से अछुता नहीं रहा इसमें भी पैड न्यूज़ , TRP  की होड़ तथा पत्रकारिता को  पेशे से व्यवसाय मै बदल दिया है तथा नीरा राडिया टेप कांड मै तो  पत्रकारों का एक अलग ही चेहरा सामने आया है, तो अब यह कहना भी गलत नहीं होगा की भ्रष्टाचार का पर्दाफाश करने वाली पत्रकारिया मै अब भ्रष्टाचार ने पैर पसार लिए है. 

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